धरती पर जीवन रहस्य है

प्रकृति और जीवन का रहस्य बहुत गहरा है और इसे समझना वास्तव में एक विशाल और साहसिक कार्य है। इसे विश्लेषित करने का एक तरीका अन्य लोगों के अनुभवों से सीखना, ध्यान और ध्यान की प्रक्रिया का अभ्यास करना, और अंततः आत्म-अन्वेषण के माध्यम से अपने आप को जानना है।

नव वार्ता
धरती पर जीवन रहस्य है

प्रकृति में सब कुछ रहस्य है 

प्रकृति वास्तव में एक अद्वितीय और रहस्यमयी विषय है। इसके विश्लेषण में हमें प्राकृतिक प्रक्रियाओं, जैसे कि जन्म, प्रकृतिक संतुलन, विकास, और परिणाम, की गहराई को समझने का प्रयास करना होगा। प्रकृति के रहस्य का विश्लेषण करते समय, हमें प्रकृति की अनंतता, सम्मिलितता, और उसके विविध आयामों को समझने की कोशिश करनी चाहिए। 

इसमें वनस्पति, जल, वायु, भूमि, और जीवों के संगठन की गहराई को समझने के लिए विज्ञान, पर्यावरण, और जीव विज्ञान के तत्वों का अध्ययन शामिल है। इस तरह, प्रकृति के विश्लेषण से हमें उसके साथिकता, संतुलन, और अनंतता की दृष्टि से जीवन के आदिकाल से आत्मिक और आत्मज्ञान का अध्ययन करने का अवसर प्राप्त होता है।

इस रहस्यमय दुनिया में क्या रहस्य नहीं है। रहस्य के ऊपर चिंतन करने वाला इंसान भी एक रहस्य है। इंसान पाता तो सब कुछ इस प्रकृति से है परंतु इस प्रकृति को देने के बारे में कभी सोचता नहीं। जिस शरीर की भूख शांत करने के लिए जीवन पर्यंत परिश्रम करता है।

 उसी शरीर को छोड़ स्वयं कहां चला जाता है यह एक अपने आप बड़ा रहस्य है। आता है वह जानता नहीं कहां से आया जाता है  जाता है उसे पता नहीं कहां जाने वाला है। दुनिया के रहस्य से पर्दा उठाने वाला इंसान स्वयं एक रहस्य बन जाता है यह दुनिया का सबसे बड़ा रहस्य है। 

 प्रकृति से हम हैं हमसे प्रकृति नहीं। इस धरती पर जीना कौन नहीं चाहता फिर भी प्रकृति सभी का अस्तित्व मिटा दिया करती है। प्रकृति का हमारे लिए कोई नियम नहीं है। प्रकृति का अपना एक अलग नियम है।
जो प्रकृति के विपरीत कार्य करते हैं अथवा प्रकृति के विपरीत जीने की कोशिश करते हैं। वे वास्तव में अपने आप को कमजोर करते हैं। इस धरती पर मौसम को गालियां देने वाले लाखों हैं। परंतु गालियां देने वाले यह भूल जाते हैं , वे मौसम के कारण हीं आज अस्तित्व में हैं।
मानो या ना मानो परंतु यह सत्य है। हमारे पूर्वजों ने प्रकृति के कंट्रोलर‌ समस्त शक्तियों के समूह ईश्वर को माना। प्रकृति हमें कंट्रोल करती है और प्रकृति को परम शक्ति। वह परम शक्ति वास्तव में  एक ही  है परंतु उसको मानने वाले अनंत है इसलिए उस ईश्वर का रूप भी अनंत है।

धरती पर जीवन का मालिक कौन है?

भारत में चार मौसम शीत, ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु  सब को ज्ञात है। विज्ञान कहता है यह चार मौसम धरती पर जीवन का मुख्य कारण है। जो कोई भी मौसम को कंट्रोल करने की सोचता है वह वास्तव में प्रकृति से खिलवाड़ करता है।
प्रकृति को कोई संतुलित भी नहीं कर सकता। यह प्रकृति अपना संतुलन भी स्वयं ही कर लेती है। आज भी धरती पर हर एक जीव 100% प्रकृति के ऊपर आश्रित है। 

मानव जो समाज में डींगे हांकते है कि वे बहुत कुछ नया कर सकते हैं। असल में कोई भी सिर्फ तत्व के स्वरूप में परिवर्तन करते हैं और कुछ नहीं। 


नम्र निवेदन:- राजनीति और राजधर्म की व्याख्याएँ अनंत हो सकती हैं। समाज, संस्कृति, प्रकृति, धर्म और राजनीति पर संतुलित विश्लेषण का एक प्रयास। “नव वार्ता” अपने शब्दों के जरिए किसी भी धर्म को नीचा दिखाने का किसी भी प्रकार से प्रयास नहीं करता है। सभीं धर्म उत्तम है और सभी धर्म का सदैव सम्मान होना चाहिए । 
साथ ही प्रकृति में सभीं जीव और समुदाय का अपना एक विशेष महत्व है और सबका सदैव सम्मान होना चाहिए। ईश्वर के लिए सभीं बराबर हैं और यह दुनिया सब का है। नव वार्ता अपनें सभी पाठकों मित्रों का सदैव प्रेम और सहयोग की कामना करता है। कृपया इसे अधिक से अधिक अपनें मित्रों में शेयर करें! अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आपका विशेष धन्यवाद!


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